दिवाली के sms हिंदी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे ।
For read diwali sms in English click here
दिवाली को सिर्फ कुछ दिन ही बचें हैं और अब कई लोग internet पर ये ढूंढने की कोशिश कर रहें होंगे या कर रहे है कि आखिर दीपावली मनाई क्यों जाती है ।
तो आज मैं आपको इसकी ही जानकारी देने वाला हु ओर बो भी short तरीके से ओर simple way से ।
रामायण के अनुसार जब भगवान राम , लक्ष्मण और माता सीता को 14 बर्ष का बनबास हुआ था तो रावण माता सीता को चालाकी से चुरा कर या हर कर ले गया था ।
भगवान राम और लक्ष्मण ने जब लंका पर बानरों की सहायता से आक्रमण किया और लंका पर विजय पाई और माता सीता को रावण का वध करके लंका से लेकर आए तो उसी के साथ ही उनका 14 बर्ष का बनबास भी खत्म हो गया ।
ओर जब बो अपने साम्राज्य आयोधेया बापिस आए तो आयोधेया वासियों ने उनके आने की खुशी में पूरे साम्राज्य में दीप जलाए तथा आपस मे मिठाइयां ओर कपड़े इत्यादि बांटे ।
तो उसी दिन से हर वर्ष उसी दिन ये तैयोहार मनाया जाने लगा और इसे दीवाली या दीपावली का नाम दे दिया गया । दीपावली का अर्थ होता है बहुत सारे दिए एक साथ जलाना । इसलिए इस पर्व या तैयोहार का नाम दीवाली पड़ा ।
इसके अलावा और भी कई घटनाएं इसी दिन हुई जिस कारण ये तैयोहार और ज्यादा लोकप्रिय ओर प्रसिद्ध हो गया लेकिन सबसे पहले दीवाली भगवान राम के आयोधेया लौटने पर ही मनाई गई थी ।
इसके अलावा इस पर्व या तैयोहार का ओर प्रसिद्धि ओर लोकप्रियता मिलने का कारण इस दिन हुई कुछ विशेष घटनाएं भी है जिनका बर्णन निम्नलिखित है :-
1. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने दीवाली के ही दिन पूरब नरकासुर नामक राक्षस का वध किया ।
2. ओर ये भी कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने इसी दिन प्रह्लाद की रक्षा की थी और हिरणकश्यप का वध किया था ।
3. इसी दिन समुन्द्र मंथन से लक्ष्मी प्रकट हुई थीं था इसी दिन गोकुलवासियों से भगवान कृष्ण ने गोबर्धन पर्बत की पूजा करवाई थी ।
4. कहा जाता है कि सिक्खों के छठे गुरु श्री गुरु हरगोविंद जी इसी दिन अन्य राजाओं के साथ ग्वालियर किले की कैद से मुक्त हुए थे ओर उन्होंने अमृतसर पहुंच कर दीवाली मनाई थी .
5. ये दिन जैन त्रिथकर महावीर स्वामी, आर्य समाज के प्रबर्तक स्वामी दयानंद तथा स्वामी रामतीर्थ का निर्बान दिवस है जिस कारण दीवाली इनके लिए बहुत महत्व रखती है ।
6. यह भी माना जाता है कि महाराज बलि की दानशीलता की परीक्षा लेने के लिए भगवान विष्णु ने बामन अवतार लिया था ।महाराज बलि से तीन डग भूमि मांगकर भगवान विष्णु ने उन्हें छल लिया था । तीन डग मतलब सिर्फ तीन पाओं रखने के लिए जगह।
Also read :-
भगवान विष्णु ने एक ही कदम में पूरी पृथ्वी नाप ली, दूसरे में स्वर्ग और फिर तीसरे कदम को रखने की जगह नही बची तो महाराज बलि ने कहा कि तीसरा कदम उनकी छाती पर रख लें जैसे ही बलि ओर कदम रखा तो बो पाताल पहुंच गए और भगवान विष्णु ने खुश होकर उन्हें पाताल का राजा बना दीया।
इसी पर भगवान विष्णु ने वरदान भी दिया कि इस दिन पृथ्बिबासी दीपक जलाकर उसकी पूजा करेंगे ।
7. कहा जाता है कि महामाया दुर्गा ने सभी राक्षसों का नाश कर दिया । तब भी उनका क्रोध शांत नही हुआ तो दुर्गा ने सारी सृष्टि को नष्ट करने का विचार किया । दुर्गा के क्रोध और तामसिक भार को रोकने के लिए शिव उनके मार्ग में लेट गए । शिव के स्पर्श से ही दुर्गा माता का क्रोध शांत हो गया ।
इस खुशी में लोगो ने इस दिन दीपक जलाएं तथा दीवाली मनाई ।
■ क्रिसमस क्यों मनाया जाता है एक सच्ची कहानी
दोस्तों मुझे जितनी जानकारी हासिल हो सकी बो मैंने इस पोस्ट में दी मैंने थोड़ी जानकारी किताबों से ली और थोड़ी ईंटरनेट से तो अगर मैंने इस पोस्ट में कुछ गलत डाल दिया हो तो माफ करें और कमेंट में मेरी गलतियाँ बताए ।
ओर मेरी ओर मेरे परिवार और मेरी वेबसाइट की तरफ से आपको ओर आपके परिवार को दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
For read diwali sms in English click here
दिवाली को सिर्फ कुछ दिन ही बचें हैं और अब कई लोग internet पर ये ढूंढने की कोशिश कर रहें होंगे या कर रहे है कि आखिर दीपावली मनाई क्यों जाती है ।
तो आज मैं आपको इसकी ही जानकारी देने वाला हु ओर बो भी short तरीके से ओर simple way से ।
भारत मे दिवाली क्यों मनाई जाती है ।
रामायण के अनुसार जब भगवान राम , लक्ष्मण और माता सीता को 14 बर्ष का बनबास हुआ था तो रावण माता सीता को चालाकी से चुरा कर या हर कर ले गया था ।
भगवान राम और लक्ष्मण ने जब लंका पर बानरों की सहायता से आक्रमण किया और लंका पर विजय पाई और माता सीता को रावण का वध करके लंका से लेकर आए तो उसी के साथ ही उनका 14 बर्ष का बनबास भी खत्म हो गया ।
ओर जब बो अपने साम्राज्य आयोधेया बापिस आए तो आयोधेया वासियों ने उनके आने की खुशी में पूरे साम्राज्य में दीप जलाए तथा आपस मे मिठाइयां ओर कपड़े इत्यादि बांटे ।
तो उसी दिन से हर वर्ष उसी दिन ये तैयोहार मनाया जाने लगा और इसे दीवाली या दीपावली का नाम दे दिया गया । दीपावली का अर्थ होता है बहुत सारे दिए एक साथ जलाना । इसलिए इस पर्व या तैयोहार का नाम दीवाली पड़ा ।
इसके अलावा और भी कई घटनाएं इसी दिन हुई जिस कारण ये तैयोहार और ज्यादा लोकप्रिय ओर प्रसिद्ध हो गया लेकिन सबसे पहले दीवाली भगवान राम के आयोधेया लौटने पर ही मनाई गई थी ।
इसके अलावा इस पर्व या तैयोहार का ओर प्रसिद्धि ओर लोकप्रियता मिलने का कारण इस दिन हुई कुछ विशेष घटनाएं भी है जिनका बर्णन निम्नलिखित है :-
1. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने दीवाली के ही दिन पूरब नरकासुर नामक राक्षस का वध किया ।
2. ओर ये भी कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने इसी दिन प्रह्लाद की रक्षा की थी और हिरणकश्यप का वध किया था ।
3. इसी दिन समुन्द्र मंथन से लक्ष्मी प्रकट हुई थीं था इसी दिन गोकुलवासियों से भगवान कृष्ण ने गोबर्धन पर्बत की पूजा करवाई थी ।
4. कहा जाता है कि सिक्खों के छठे गुरु श्री गुरु हरगोविंद जी इसी दिन अन्य राजाओं के साथ ग्वालियर किले की कैद से मुक्त हुए थे ओर उन्होंने अमृतसर पहुंच कर दीवाली मनाई थी .
5. ये दिन जैन त्रिथकर महावीर स्वामी, आर्य समाज के प्रबर्तक स्वामी दयानंद तथा स्वामी रामतीर्थ का निर्बान दिवस है जिस कारण दीवाली इनके लिए बहुत महत्व रखती है ।
6. यह भी माना जाता है कि महाराज बलि की दानशीलता की परीक्षा लेने के लिए भगवान विष्णु ने बामन अवतार लिया था ।महाराज बलि से तीन डग भूमि मांगकर भगवान विष्णु ने उन्हें छल लिया था । तीन डग मतलब सिर्फ तीन पाओं रखने के लिए जगह।
Also read :-
- Online paise kaise kamaye 15 best ways internet se paise kamane ke
- India Me Online Paise Kaise Kamaye 5 Fadu Methods
- सरकार PUBG को ban करके बिल्कुल सही कर रही है - मेरे विचार सरकार के इस कदम पर
- Pan card बनाकर पैसे कैसे कमाएं पूरी जानकारी हिंदी में business idea
- 2019 में अपना खुद का online स्टोर कैसे खोलें पूरी जानकारी हिंदी में बिजनेस आईडिया
- सिर्फ apps download करने के पैसे देता है ये app
भगवान विष्णु ने एक ही कदम में पूरी पृथ्वी नाप ली, दूसरे में स्वर्ग और फिर तीसरे कदम को रखने की जगह नही बची तो महाराज बलि ने कहा कि तीसरा कदम उनकी छाती पर रख लें जैसे ही बलि ओर कदम रखा तो बो पाताल पहुंच गए और भगवान विष्णु ने खुश होकर उन्हें पाताल का राजा बना दीया।
इसी पर भगवान विष्णु ने वरदान भी दिया कि इस दिन पृथ्बिबासी दीपक जलाकर उसकी पूजा करेंगे ।
7. कहा जाता है कि महामाया दुर्गा ने सभी राक्षसों का नाश कर दिया । तब भी उनका क्रोध शांत नही हुआ तो दुर्गा ने सारी सृष्टि को नष्ट करने का विचार किया । दुर्गा के क्रोध और तामसिक भार को रोकने के लिए शिव उनके मार्ग में लेट गए । शिव के स्पर्श से ही दुर्गा माता का क्रोध शांत हो गया ।
इस खुशी में लोगो ने इस दिन दीपक जलाएं तथा दीवाली मनाई ।
■ क्रिसमस क्यों मनाया जाता है एक सच्ची कहानी
दोस्तों मुझे जितनी जानकारी हासिल हो सकी बो मैंने इस पोस्ट में दी मैंने थोड़ी जानकारी किताबों से ली और थोड़ी ईंटरनेट से तो अगर मैंने इस पोस्ट में कुछ गलत डाल दिया हो तो माफ करें और कमेंट में मेरी गलतियाँ बताए ।
ओर मेरी ओर मेरे परिवार और मेरी वेबसाइट की तरफ से आपको ओर आपके परिवार को दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
2 comments
Sir thoda pura btaye
Sirf ram ke hi bare me bta rahe hai
Bohot jld main is post ko update krunga ..
Post a Comment